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SHIKHAR Mains UPPSC 2021 Day 27 Answer Hindi

Updated : 25th Dec 2021
SHIKHAR Mains UPPSC 2021 Day 27 Answer Hindi

1)What do you understand by ocean energy? Discuss tidal energy and otech technology, explaining the status of ocean energy in India.

महासागरीय ऊर्जा से आप क्या समझते हैं ? भारत में महासागरीय ऊर्जा की स्थिति को बताते हुए ज्वारीय ऊर्जा एवं ओटेक तकनीक पर चर्चा कीजिये |

एप्रोच -

  • उत्तर की शुरुआत महासागरीय ऊर्जा के बारे में बताते हुए कीजिये |
  • इसके पश्चात भारत में महासागरीय ऊर्जा की वर्तमान चिंता की चर्चा कीजिये |
  • पुनः ज्वारीय ऊर्जा के बारे में बताते हुए उत्तर को विस्तारित कीजिये |
  • अंत में ओटेक तकनीक को बताते हुए उत्तर का समापन कीजिये |

उत्तर -

महासागरीय ऊर्जा 

महासागर पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत भाग है | महासागरों के लहर, ज्वार, समुद्री तापमान आदि का उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जा सकता है, इसे ही महासागरीय ऊर्जा कहा जाता है | भारत सरकार ने अक्षय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के उद्देश्यों के सन्दर्भ में 2022 तक कई ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के रणनीति पर कार्य कर रहा है | 100 से अधिक विभिन्न महासागर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के 30 से अधिक देशों में अनुसन्धान एवं विकास कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं |

भारत में महासागरीय ऊर्जा की वर्तमान चिंता 

  • ज्वारीय ऊर्जा की कुल पहचान छमता 9000 MW
  • खम्भात की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी व सुंदरवन डेल्टा में ज्वारीय ऊर्जा को क्रियान्वित किया जा सकता है |
  • भारत के तट के 7516 में तरंग ऊर्जा की कुल उपलब्ध क्षमता 40 हजार MW होने का अनुमान है |
  • 2010 में खम्भात की खाड़ी में "कल्पसर" टाइडल पॉवर परियोजना UNDP की सहायता से किया जा रहा है |
  • भारत में लक्षद्वीप के कवरत्ती में विश्व का प्रथम ओटेक प्लांट की स्थापना की गयी है |

ज्वारीय ऊर्जा 

  • विश्व का सबसे बड़ा टाइडल प्लांट - सिहवा लैगून प्लांट (दक्षिण कोरिया)
  • ज्वार सूर्य एवं चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण प्रत्येक 12 घंटों में होता है |
  • निम्न ज्वार और उच्च ज्वार में जल की ऊँचाई में अन्तर्निहित ऊर्जा क्षमता होती है |
  • जिस प्रकार नदियों में बांधों से जल विद्युत उत्पन्न किया जाता है, उसी प्रकार नदी के मुहाने में ज्वारीय बाँध द्वारा बिजली उत्पादन किया जा सकता है |
  • ज्वारीय बाँध में टरबाइन की सहायता से बिजली उत्पादन किया जाता है |
  • जब उच्च ज्वार होता है , समुद्र के जल का स्तर, नदी के जल के स्तर से ऊंचा होता है, जिसके कारण समुद्री जल का नदी की तरफ प्रवाह होता है | इस दौरान जल को ज्वारीय बाँध में एक जलशाय में संगृहीत कर लिया जाता है |
  • निम्न ज्वार के दौरान इस जलाशय  से जल को समुद्र की ओर छोड़ा जाता है, जो टरबाइन जनरेटर से बिजली उत्पादन करने में सहायक होता है |

ओटेक (OTEC)

  • भारत में ओटेक की 1 लाख 80 हजार MW की क्षमता है |
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) चेन्नई के वैज्ञानिकों द्वारा ओटेक तकनीकि विकसित किया गया है |
  • ओटेक तकनीक में समुद्री सतह का गर्म पानी तथा 1 हजार मीटर की गहराई के ठन्डे जल के तापमान अंतर का उपयोग किया जाता है |
  • इस तकनीक में एक तरल पदार्थ जैसे कि अमोनिया को हीट एक्सचेंजर के माध्यम से वाष्पीकृत किया जाता है |
  • अमोनिया गैस द्वारा टरबाइन जेनेरटर चलाया जाता है, जिससे विद्युत उत्पादन होता है |
  • इस अमोनिया गैस को पुनः तरल में परिवर्तित कंडेंसर में किया जाता है, जिसे ठंडा गहरे जल से किया जाता है |
  • इस तरल को वापस हीट एक्सचेंजर में भेज दिया जाता है |

भारत अक्षय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के उद्देश्य से 2022 तक कई ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के रणनीति पर कार्य कर रहा है |

 

2) Defining supercomputers and quantum computing in the context of advanced computing, discuss their applications.
उन्नत कंप्यूटिंग के सन्दर्भ में सुपर कंप्यूटर एवं क्वांटम कंप्यूटिंग को परिभाषित करते हुए इनके अनुप्रयोगों की चर्चा कीजिये| 

दृष्टिकोण

  • उत्तर की शुरुआत उन्नत कंप्यूटिंग का सामान्य परिचय देते हुए सुपर कंप्यूटर और क्वांटम कंप्यूटिंग को परिभाषित कीजिये |
  • इसके पश्चात दोनों के अनुप्रयोगों को बताइए |
  • अंत में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उत्तर का समापन कीजिये |

उत्तर -

                   उन्नत कंप्यूटिंग के अंतर्गत कंप्यूटर के ट्रांजिस्टर,डायोड के बाद आई सी चिप के माध्यम से सुपर कंप्यूटर विकसित किया गया | अगले चरण में क्वांटम कंप्यूटर  भी उन्नत कंप्यूटिंग का भावी सोपान है|भारत में वर्ष 1988 में सी डैक की स्थापना ने उन्नत कंप्यूटिंग के क्षेत्र में परम-2000 सुपर कंप्यूटर के आविष्कार से कंप्यूटर में महत्वपूर्ण क्रांति आई है |

सुपर कंप्यूटर 

  • -इसे हजारों प्रोसेसर को जोड़ कर बनाया जाता है |
  • -इसकी गणना करने की क्षमता को "FLOP" कहा जाता है|
  • -सुपर कंप्यूटर सामानांतर प्रणाली पर कार्य करने के कारण कम समय में एवं अधिक शुद्धता से अपना कार्य करता है|

क्वांटम कंप्यूटर

  • ऐसे कंप्यूटर हैं जो बिट्स पर कार्य नही करते बल्कि क्युबिट्स पर कार्य करते हैं|
  • यह दो सिधान्तों पर आधारित है यथा सुपर पोजीशन एवं एनटैंगलमेंट|
  • इनकी गति तीव्र होती है और अधिक सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है|

सुपर कंप्यूटर के अनुप्रयोग

  • विज्ञान के अध्ययन में मॉडलिंग और सिमुलेशन में |
  • मौसम विज्ञान के संदर्भ में सुपर कंप्यूटर का उपयोग |
  • जलवायु परिवर्तन के सन्दर्भ में भविष्वाणी को लेकर |
  • जैव -प्रौद्योगिकी में बायो-इन्फार्मेटिक्स के सन्दर्भ में |
  • उद्योग क्षेत्र में सुपर कंप्यूटर का उपयोग |
  • रक्षा क्षेत्र में- मिसाइल, लड़ाकू विमान, किसी भी प्रकार के हथियार को तैयार करने में इसका उपयोग |

-अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में - इवेंट होराइजन, ब्रम्हांड के अध्ययन में, इसरो द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है | आदि 

क्वांटम कंप्यूटिंग के लाभ एवं अनुप्रयोग

  • जो भी सुविधाएं हम सुपर कंप्यूटर के माध्यम से लेते हैं उन्ही सुविधाओं को क्वांटम कंप्यूटर के माध्यम से भी लिया जा सकता है|
  • किन्तु क्वांटम कंप्यूटर अत्यधिक तीव्र होते हैं अतः यहाँ गणना में लगानेवाला समय कम हो जाता है|
  • ये क्वांटम कंप्यूटर अधिक साइबर सुरक्षा सुनिश्चित कर पाते हैं| 
  • यह डाटा को एनक्रिप्ट करता है इस तरह से इसे हैक नहीं किया जा सकता है|
  • मशीन लर्निंग प्रणाली के विकास में सहायक|
  • विविध अल्गोरिदम का निर्माण करने में सहायक होते हैं|

                                  इस प्रकार स्पष्ट होता है कि सुपर कंप्यूटिंग के  अंतर्गत सुपर कंप्यूटर एवं क्वांटम कंप्यूटिंग दोनों विज्ञान के विकास में सहायक हैं इसके साथ ही ये अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जीवन के विविध पक्षों को सुविधाजनक और सहज बनाने में उपयोगी हैं|