Q1: Explain the role of public interest litigation in encouraging the collective or community effort of the society and making people aware of the rights of the society.
समाज के सामूहिक या सामुदायिक प्रयास को प्रोत्साहित करने और लोगों को समाज के अधिकारों के प्रति सचेत कने मे जनहित याचिका की भूमिका को स्पष्ट कीजिये|
जनहित याचिका 1960 के दशक मे संयुक्त राज्य अमेरिका मे प्रारम्भ की गई थी । इसे भारत मे 1980 के दशक मे दशक में न्यायमूर्ति वी आर कृष्णा अय्यर और पी एन भगवती के प्रयासों से शुरू किया गया । जनहित याचिका के माध्यम से समाज का कोई भी व्यक्ति जनहित संबंधी मुद्दों पर न्यायपालिका में याचिका दायर कर सकता है और समाज या समुदाय के हित में न्यायपालिका को न्यायिक कार्य करने का निवेदन कर सकता है। पीआईएल को सामाजिक क्रिया याचिका (Social action petition), सामाजिक हित याचिका (Social interest petition), तथा वर्गीय क्रिया याचिका (Class action petition) के रूप में भी जाना जाता है। जनहित याचिका के अंतर्गत विधि का शासन स्थापित करने, मौलिक अधिकारों की रक्षा करने एवं सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से पिछड़े लोगों को न्याय देने के का दृष्टिकोण निहित है ।
जनहित याचिका की भूमिका -
जनहित याचिका के अंतर्गत सामान्यत: जनहित याचिका के रूप में स्वीकार की जाती है - बंधुआ मजदूर या उपेक्षित बच्चे श्रमिकों का शोषण या श्रम कानूनों का उल्लंघन या न्यनतम मजदूरी का न मिलना । महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ याचिका (विशेषकर वधु-उत्पीड़न, दहेज-दहन, बलात्कार, हत्या, अपहरण इत्यादि जैसे मामलों में) जेलों से दाखिल उत्पीड़न की शिकायत, समय से पहले मुक्ति के लिए तथा 14 वर्ष पूरा करने के पश्चात मुक्ति के लिए आवेदन, जेल में मृत्यु, स्थानांतरण, व्यक्तिगत मुचलके (Personal bonds) पर मुक्ति या रिहाई, मूल अधिकार के रूपों में त्वरित मुकदमा। पुलिस द्वारा मामला दाखिल नहीं किए जाने संबंधी याचिका, पुलिस उत्पीड़न तथा पुलिस हिरासत में मृत्यु संबंधी मामला आदि ग्रामीणों के सह-ग्रामीणों (Co-villagers) द्वारा उत्पीड़न, अनुसूचित जाति तथा जनजाति एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के पुलिस द्वारा उत्पीड़न की शिकायत संबंधी याचिकाएँ। पर्यावरण एवं पारिस्थितिक संबंधी याचिकाएँ, औषधि, खाद्य पदार्थ में मिलावट संबंधी याचिकाएं, विरासत एवं संस्कृति, प्राचीन कलाकृति वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण तथा सार्वजनिक महत्व के अन्य मामलो से संबन्धित याचिकाएँ। दंगा पीड़ितों की याचिकाएं और पारिवारिक पेंशन संबंधी याचिकाएं
सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जनहित याचिका के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष मार्गदर्शिका दायर की गयी , जिसके अनुसार - उचित एवं वास्तविक जनहित याचिका को प्रोत्साहित करना और अन्यों को प्रभावशाली तरीके से हतोत्साहित करना | न्यायपालिका द्वारा याचिकाकर्ताओं की पहचान और उसकी साख सुनिश्चित तथा स्थापित की जाए; न्यायपालिका के द्वारा याचिका की तथ्यात्मक सत्यता स्थापित की जाए और यदि यह समाज हित में महत्वपूर्ण है तो अविलंबनीय सुनवाई हो , इस पर विचार किया जाए; यदि परोक्ष या किसी अन्य वाह्य संकुचित उद्देश्य से जनहित याचिका लायी गयी है तो उदाहरण स्थापित करने योग्य, दंड याचिकाकर्ता को दिया जाए का प्रावधान किया गया ।
Q2: Explain the concept of pressure groups, and their role in the political system.
दबाब समूहो की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए राजनीतिक व्यवस्था मे इनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिये|
Answer -
ओडिगार्ड के अनुसार, ‘‘दबाव समूह ऐसे लोगों का औपचारिक संगठन है जिसके एक अथवा अधिक सामान्य उद्देश्य या स्वार्थ होते हैं और जो घटनाओं के क्रम को विशेष रूप से सार्वजनिक नीति के निर्माण और शासन को इसलिए प्रभावित करने का प्रयत्न करते हैं कि वे अपने हितों की रक्षा एवं वृद्धि कर सके।’’ माइरन वीनर के शब्दों में, ‘‘दबाव समूह से हमारा तात्पर्य शासकीय व्यवस्था के बाहर किसी भी ऐसे ऐच्छिक, विंफतु संगठित समूह से है जो शासकीय अधिकारियों की नामजदगी अथवा नियुक्ति, सार्वजनिक नीति के निर्धारण, उसके प्रशासन और समझौता-व्यवस्था को प्रभावित करने का प्रयास करता है।’’ ने दबाव समूह की विशेषताएं
राजनीतिक व्यवस्था में इनकी भूमिका इन कारणों से महत्वपूर्ण हो सकती है :-
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