Q1: भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अवधारणा की व्याख्या करते हुए प्रशासन में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालिए।
Explaining the concept of Emotional Intelligence, highlight its role in administration.
दृष्टिकोण:
भावनात्मक समझ को परिभाषित कीजिए।
इसके विभिन्न स्तरों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
प्रशासन और शासन में इसकी भूमिका का उल्लेख कीजिए।
तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः
भावनात्मक समझ (EI) किसी व्यक्ति की स्वयं की भावनाओं को प्रबंधित और-नियंत्रित करने की क्षमता तथा दूसरों की भावनाओं को अनुभव करने और प्रबंधित करने की क्षमता को प्रदर्शित करती है। इसमें निम्न स्तर शामिल हैं:
भावनाओं को अनुभव करना: भावनाओं को अनुभव करने में प्रथमःकदेम उन्हें सही ढंग से समझना है। कई मामलों में, इसमें शारीरिक भाषा और चेहरे के भाव जैसे अशाब्दिक संकेतों को समझना शामिल हो सकता है।
भावनाओं से युक्त तर्क करना: अगले कदम में सोच और सर्सज्ञानात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भावनाओं का उपयोग करना शामिल है। भावनाएं हमारे द्वारा ध्यान दिए जाने वाले और प्रतिक्रिया किए जाने वाले पक्षों की प्राथमिकता निर्धारित करने में सहायता करती हैं।
भावनाओं को समझना: जिन भावनाओं का हम अनुभव करते हैं, उसके विभिन्न अर्थ हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपका बॉस गुस्से में व्यवहार कर रहा है;“तो इसका अर्थ यह हो सकता है कि वह आपके कार्य से असंतुष्ट है, या हो सकता है कि उस सुबह उसका चालान (speeding ticket) कट गया हो या उसका अपने साथी से झगड़ा हो गया हो।
भावनाओं को प्रबंधित करना: भावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता भावनात्मक समझ का उच्चतम स्तर और महत्वपूर्ण हिस्सा है। भावनाओं को विनियमित करना और उपयुक्त रूप से प्रतिक्रिया करने के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं के संदर्भ में प्रतिक्रिया देना सभी भावनात्मक प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहल हैं।
प्रशासन और शासन में भावनात्मक समझ की भूमिका
नीति का कार्यान्वयन: सिविल सेवकों को उन व्यक्तियों की भावनाओं, मनोदशाओं और प्रेरणाओं को जानने की आवश्यकता होती है जिन पर सार्वजनिक नीति को समाज में समस्याओं की प्रकृति और उनके संभावित समाधानों के साथ बेहतर समन्वय के लिए लक्षित किया जाता है।
दबाव में शांतचित्त बने रहना: उच्च भावनात्मक समझ के साथ एक सिविल सेवक कठिन परिस्थितियों में उत्तेजित नहीं होता है या नियंत्रण नहीं खोता है।
जोखिम पूर्ण दायित्व: भारत जैसे विकासशील देश में, लोक सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन करने में साहसिक निर्णय की आवश्यकता होती है। भावनात्मक समझ इस जोखिम को सिविल सेवकों के बीच उनके व्यवहार में अनिश्चित या बेहद अप्रत्याशित हुए बिना सक्षम बनाता है।
एक साझा दृष्टिकोण प्रेरित करना: भावनात्मक समझ एक सिविल सेवक को दूसरों को यह समझाने में सहायता करता है कि वह उनकी आवश्यकताओं को समझता है और उनके सर्वोत्तम हित में कार्य करेगा।
प्रक्रिया को चुनौती देना: एक भावनात्मक रूप से बुद्धिमान सिविल सेवक बदलाव के लिए प्रयास करता है। लचीलापन यथास्थिति को चुनौती देने के लिए आवश्यक प्रमुख भावनात्मक समझ कौशलों में से एक है। लचीलेपन से युक्त लोग नवीनता हेतु प्रयास करने, जोखिम लेने और बिना किसी डर के नई चुनौतियों का सामना करने की अधिक संभावना रखते हैं।
दूसरों को कार्य करने के लिए सक्षम बनाना: भावनात्मक समझ एक सिविल सेवक को उसके आत्म-सम्मान को समझने और पारस्परिक कौशल विकसित करने में सहायता करता है, जो उसके दूसरों के साथ सहयोग और विश्वास बनाए रखने में सहायक है। यह विश्वास दूसरों के साथ शक्ति के साझाकरण और प्रत्यायोजन को सक्षम बनाता है।
दूसरों को प्रेरित करना: भावनात्मक समझ लोगों को उनकी भागीदारी के लिए पुरस्कृत करने के महत्व को अनुभव करने में सहायता करता है। जो उन्हें टीम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करने में तथा अधिक दृढ़ता और ऊर्जा के साथ शासन संबंधी उपायों की पूर्ति में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
सिविल सेवक सार्वजनिक हित के ट्रस्टी होते हैं तथा उन्हें नीति निर्माण और कार्यान्वयन का उत्तरदायित्व सौंपा जाता है। इसलिए, उन्हें भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होना आवश्यक है, क्योंकि भावनात्मक समझ के बिना समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सहानुभूति रखना, अपने दृष्टिकोण के प्रति दृढ़ रहना और उचित बदलाव का प्रतिनिधित्व करना कठिन होगा।
Q2: निम्नलिखित के बीच अंतर कीजिए :
(a) निष्पक्षता और गैर-तरफदारी
(b) आई.क्यू. और ई.क्यू.
Differentiate between the following:
(a) Impartiality and Non partisanship
(b) IQ and EQ
दृष्टिकोण:
प्रत्येक पद को परिभाषित कीजिए एवं उसकी संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
प्रत्येक संकल्पना हेतु उपयुक्त उदाहरण दीजिए।
दोनों के मध्य तुलना एवं विभेद कीजिए।
(a) निष्पक्षता और गैर-तरफदारी:
लोक सेवाओं में निष्पक्षता से तात्पर्य पूर्णतया मामले के गुणों के अनुसार कार्य करना और किसी भी पक्षपात एवं पूर्वाग्रह के बिना अपने कर्तव्य का निर्वहन करना है। यह अधिकतम लोक कल्याण हेतु योगदान कर तथा राष्ट्र निर्माण की दिशा में कर्तव्यों का निर्वहन कर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्णय सुनिश्चित करता है।
लोक सेवाओं में गैर-तरफदारी से तात्पर्य किसी अधिकारी द्वारा अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए विशेष रूप से किसी विशिष्ट राजनीतिक समूह, संस्थाओं या व्यक्तियों के प्रति निष्पक्ष दृष्टिकोण रखना है।
उदाहरण के लिए, कोई सिविल सेवक तब निष्पक्ष होता है जब वह अपने व्यक्तिगत पूर्वाग्रह को अलग रखता है और क्रियान्वित की जा रही सरकारी योजनाओं के संदर्भ में सभी नागरिकों के साथ नियमों और विनियमों के अनुसार व्यवहार करता है। राजनीतिक दबाव के बावजूद ईमानदार रहते हुए विधि शासन के अनुसार कार्य करना गैर-तरफदारी की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
(b) आई.क्यू.और ई. क्यू.
बुद्धिलब्धि (Intelligence Quotient: IQ) के तहत किसी व्यक्ति की बुद्धि के स्तर का निर्धारण दृश्यात्मक और स्थानिक प्रक्रमण, विश्व के ज्ञान, स्वतंत्ररूप से तर्क करने, कार्य संबंधी स्मृति और अल्पकालिक स्मृति, मात्रात्मक तर्कशक्ति आदि के आधार पर किया जाता है।
संवेगात्मक बुद्धि (Emotional Quotient: EQ) किसी व्यक्ति की भावनात्मक बुद्धिलब्धि के स्तर की एक माप है। यह किसी व्यक्ति की स्वयं की तथा अन्य लोगों की भावनाओं की पहचान करने, इन भावनाओं का उपयोग करने तथा उन्हें विनियमित और प्रबंधित करने की क्षमता को संदर्भित करती है।इसमें आत्म-जागरुकता, स्व-प्रबंधन, सामाजिक जागरुकता और रिलेशनशिप मैनेजमेंट जैसे गुण सम्मिलित होते हैं।
उदाहरण के लिए, लोक सेवाओं में IQ आर्थिक नीति जैसे कुछ तकनीकी विषयों को शीघ्रता से समझने में एक लोक सेवक की सहायता कर सकती है जबकि EQ इस पर विभिन्न हितधारकों की आम सहमति बनाने तथा उन्हें समझाने की उसकी क्षमता को निर्धारित कर सकती है। इस प्रकार, IQ और EQ , दोनों एक साथ मिलकर अपनी भूमिका निभाती हैं।
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