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SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 26 Answer

Updated : 6th Sep 2022
SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 26 Answer

Ans1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िये और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

(क) उपर्युक्त गद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए ।                                                            

                    उत्तर - व्यक्ति को अपने जीवन में अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए निरन्तर पारिश्रमिक एवं अपने मानसिक बलों का सर्वाधिक प्रयोग करना चाहिए न कि किसी दूसरे या अपने भाग्य भरोसे बैठना चाहिए। किसी भी सफल व्यक्ति को सफलता के लिए उचित वक्त एवं उचित अवसर पाने के लिए सदैव अपने विवेक, दृढ़ संकल्प और परिश्रम से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए। सत्यनिष्ठा एवं संयम के साथ निरन्तर प्रयत्न से उद्देश्य स्वयं ही आपकी ओर बढ़ने लगेगा। कुछ व्यक्ति अपने आप से नाखुश एवं समाज से अत्यधिक अप्रसन्न रहते है और सही परिस्थितयों में भी अपने व्यवहार में कोई सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न नहीं करते है। छात्र अवस्था के दौरान व्यावहारिकता में अक्सर कमी दिखती है, इस दौरान हमें अनुभवी व्यक्तियों के अनुभव को समझकर और उनके सकरात्मक पहलू से लाभ उठा कर अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए।                                                           

(ख) उद्देश्य प्राप्ति के लिए क्या करना अपेक्षित है। उपर्युक्त उद्धरण के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।         

             उत्तर - उद्देश्य प्राप्ति के लिए निरन्तर पारिश्रमिक एवं अपने मानसिक बलों का सर्वाधिक प्रयोग करना चाहिए न कि किसी दूसरे या अपने भाग्य भरोसे बैठना चाहिए। हमें अनुभवी व्यक्तियों के अनुभव को समझकर और उनके सकरात्मक पहलू से लाभ उठा कर अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए और सत्यनिष्ठा एवं संयम के साथ निरन्तर प्रयत्न से उद्देश्य स्वयं ही आपकी ओर बढ़ने लगेगा ।

(ग) उपर्युक्त गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए ।                                      

उद्देश्य---------------------------------------------------लाएँ ।

उद्देश्य प्राप्ति के लिए निरन्तर पारिश्रमिक एवं अपने मानसिक बलों का सर्वाधिक प्रयोग करना चाहिए क्योंकि परिश्रम, धैर्य और सकारात्मक सोच से ही हम अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकते है ।

आजकल------------------------------------------------करते हैं । 

आजकल के अधिकतर युवक या छात्र अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए किसी दूसरे या अपने भाग्य भरोसे बैठे रहते है किंतु इस तरह अपने उद्देश्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती है, क्योंकि उद्देश्य प्राप्ति स्वयं के परिश्रम बिना नामुमकिन है।

कतिपय --------------------------------------------------------------रहते हैं।

कुछ व्यक्ति अपने आप से नाखुश एवं समाज से अत्यधिक अप्रसन्न रहते है और सही परिस्थियों में भी अपने व्यवहार में कोई सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न नहीं करते है। इसलिए उन्हें अपने उद्देश्य प्राप्त करने में सफलता नहीं प्राप्त होती है।

ऐसे में-------------------------------------------------------------------- होती है ।

छात्र अवस्था के दौरान व्यावहारिकता में अक्सर कमी दिखती है। इस दौरान हमें अनुभवी व्यक्तियों के अनुभव को समझकर और उनके सकारात्मक पहलू से लाभ उठा कर अपने उद्देश्य प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते रहना चाहिए ।

 


 Ans2. (क) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों का निर्देश कीजिए ।                                                      

 

[1]

अभिमुख 

अभि

[2]

निश्चय 

नि:

[3]

संतोष

सम

[4]

प्रत्युकार 

प्रति

[5]

अध्यादेश 

अधि

 

    (ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्ययों को विलग कीजिए ।                                                   

 

[1]

पत्रकार 

कार

[2]

भलाई 

आई

[3]

पठनीय 

ईय

[4]

कथित 

इत

[5]

खिलाड़ी 

आड़ी