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साओरा आदिवासियों को उनकी पैतृक भूमि पर आवास अधिकार

Updated : 4th Sep 2024
साओरा आदिवासियों को उनकी पैतृक भूमि पर आवास अधिकार

साओरा आदिवासियों को उनकी पैतृक भूमि पर आवास अधिकार

  • वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत गजपति में जिला स्तरीय समिति ने हाल ही में मोहना और आर उदयगिरी ब्लॉकों के 128 गांवों को कवर करने वाले साओरा समुदाय के लिए आवास अधिकारों को मंजूरी दी है। 

साओरा जनजाति के विषय में 

  • इतिहास और नाम: साओरा ओडिशा की प्राचीन जनजातियों में से एक है और इसका उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में भी मिलता है। इन्हें सवरस, सबरस, सौरा, सोरा आदि नामों से पुकारा जाता है।

  • भौगोलिक वितरण: हालांकि ओडिशा साओरा जनजाति का मुख्य क्षेत्र है, लेकिन आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और असम में भी उनकी थोड़ी संख्या पाई जाती है।

  • भाषा: साओरा अपनी मूल भाषा सोरा (जो एक मुंडा भाषा है) बोलते हैं। खास बात यह है कि उनकी भाषा की एक लिपि भी है, जिसे सोरंग सोमपेंग कहा जाता है।

'तांतांगबो' नामक लुप्त होती गोदना परंपरा इनमे विद्यमान है ।