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साइबर स्लेवरी

Updated : 2nd Oct 2024
साइबर स्लेवरी

साइबर स्लेवरी

साइबर स्लेवरी आधुनिक शोषण का एक संगठित रूप है, जिसमें पीड़ितों को रोजगार या अच्छे अवसर का लालच देकर धोखे से भर्ती किया जाता है। इसके बाद उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी या साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता है। यह आधुनिक युग में तेजी से बढ़ता हुआ एक गंभीर अपराध बनता जा रहा है, जिसमें मानव तस्करी से लेकर वित्तीय धोखाधड़ी जैसे अपराध शामिल हैं।

साइबर स्लेवरी के बारे में मुख्य बातें:

  • पीड़ितों को खासकर विदेशों में रोजगार के अवसर दिखाकर फंसाया जाता है, फिर उन्हें ऑनलाइन स्कैमर्स के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

  • इसमें पीड़ितों को साइबर अपराध, जैसे ऑनलाइन फ्रॉड, फ़िशिंग, और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल किया जाता है।

  • हाल की रिपोर्टों के अनुसार, 5,000 से अधिक भारतीय दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों (जैसे लाओस, कंबोडिया) में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें साइबर अपराध करने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

सरकारी कदम:

इन घटनाओं के चलते भारत का दूरसंचार मंत्रालय 2.17 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शनों को बंद करने की योजना बना रहा है, जो साइबर स्लेवरी और साइबर अपराध से जुड़े हो सकते हैं। यह कदम ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर तस्करी से निपटने के प्रयास का हिस्सा है।

यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बनता जा रहा है, और इसके लिए जागरूकता और ठोस सरकारी कदमों की आवश्यकता है।