नादस्वरम प्रतिपादक शेषमपट्टी श्री टी. शिवलिंगम
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मुंबई में नादस्वरा थिरुविझा कार्यक्रम में अनुभवी नादस्वरम प्रतिपादक शेषमपट्टी श्री टी. शिवलिंगम को संगीत कला विभूषण लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।
नादस्वरा थिरुविझा के विषय में
नादस्वरा थिरुविझा एक पारंपरिक तमिल संगीत महोत्सव है, जिसमें मुख्य रूप से नादस्वरम और थविल जैसे वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाता है। यह महोत्सव तमिलनाडु में विशेष रूप से मनाया जाता है
नादस्वरम और थविल
नादस्वरम: यह एक शास्त्रीय शहनाई जैसा वाद्य यंत्र है, जो दक्षिण भारतीय संगीत में बहुत प्रसिद्ध है। नादस्वरम को शुद्ध ध्वनि और गहरे सुरों के लिए जाना जाता है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में विशेष रूप से बजाया जाता है।
थविल: यह एक प्रकार का ढोलक जैसा ताल वाद्य है, जो नादस्वरम के साथ अक्सर जोड़ी में बजाया जाता है। थविल की गहरी ध्वनि नादस्वरम की मधुरता के साथ मिलकर संगीत को समृद्ध और आकर्षक बनाती है।
शेषमपट्टी टी. शिवलिंगम
संगीत के उस्ताद विद्वान शेषमपट्टी टी. शिवलिंगम को पद्म श्री-2024 से सम्मानित किया गया है।
शेषमपट्टी ऑल इंडिया रेडियो के 'ए' ग्रेड कलाकार थे और उन्होंने दुनिया भर में संगीत कार्यक्रमों और एकल कार्यक्रमों में भाग लिया है।
उन्हें तमिलनाडु के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'कलाइममणि' से सम्मानित किया गया है।
उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिला था।
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