जयपुर के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय व्यय
2019 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित जयपुर के चारदीवारी शहर के धरोहर संरक्षण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय व्यय किया जाएगा।
शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा और इसकी स्थापत्य विरासत और जीवंत संस्कृति की रक्षा पर जोर दिया जाएगा।
सुश्री कुमारी ने कहा कि 400 साल पुरानी मान सागर झील का भी पुनर्विकास किया जाएगा और उसमें नौका विहार की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
जयपुर के विषय में -
जयपुर, राजस्थान को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है. यह घोषणा 6 जुलाई, 2019 को अज़रबैजान की राजधानी बाकू में हुई थी.
जयपुर को यह दर्जा नगर नियोजन और वास्तुकला में इसके बेहतरीन विकास के लिए दिया गया था. जयपुर को 'भारत का गुलाबी शहर' भी कहा जाता है।
जयपुर की स्थापना सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1727 में की थी.
जयपुर को सवाई जय सिंह द्वितीय के शासनकाल के दौरान स्थापित पहला नियोजित शहर माना जाता है।
जयपुर में जंतर-मंतर को भी यूनेस्को ने विश्व विरासत का दर्जा दिया है. यह राजस्थान का पहला और भारत का 23वां सांस्कृतिक धरोहर है.
जयपुर में आमेर किला भी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. यह किला राजपूत वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है
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