फिनलैंड में नाटो का नई भूमि कमान
नाटो ने 2025 में फिनलैंड में रूसी सीमा के पास एक नई भूमि कमान स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य संभावित सैन्य संघर्षों के दौरान उत्तरी यूरोप में नाटो की भूमि सेना संचालन का नेतृत्व करना है।
यह कदम 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
फिनलैंड, जो 2023 में नाटो में शामिल हुआ, अपने क्षेत्र में नाटो की उपस्थिति के लिए तैयार है।
नई कमान का नाम: मल्टी कॉर्प्स लैंड कंपोनेंट कमांड (MCLC)।
यह नाटो के अमेरिका स्थित नॉरफ़ॉक ज्वाइंट फ़ोर्स कमांड और फिनलैंड की भूमि सेना कमांड के तहत काम करेगा।
बजट: प्रारंभ में €8.5 मिलियन ($9.5 मिलियन) वार्षिक बजट।
कार्मिक: कुछ दर्जन अंतर्राष्ट्रीय अधिकारी इस इकाई में शामिल होंगे।
स्वीडन के साथ सहयोग: स्वीडन उत्तरी फिनलैंड में विदेशी नाटो सैनिकों की गतिविधियों और अंतर्राष्ट्रीय अभ्यासों का समन्वय करेगा।
यह नई इकाई नॉर्डिक क्षेत्र में स्थल सेना संचालन की योजना की देखरेख करेगी।
फिनलैंड, हालांकि, बाल्टिक राज्यों की तरह स्थायी बहुराष्ट्रीय सेना की मेजबानी नहीं करेगा।
पूरा नाम: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन।
स्थापना: 1949, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद।
उद्देश्य: सामूहिक रक्षा (अनुच्छेद 5 - एक सदस्य पर हमला, सभी पर हमला माना जाएगा)।
सदस्य: 31 देश (2023 तक), जिनमें अमेरिका, कनाडा और यूरोप के अधिकांश देश शामिल हैं।
मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम।
सैन्य संरचना: एकीकृत सैन्य कमान, नेतृत्व अमेरिकी जनरल द्वारा।
हालिया विस्तार: फिनलैंड 2023 में नाटो में शामिल हुआ; स्वीडन की सदस्यता लंबित।
प्रमुख कार्य: शांति मिशन, संकट प्रबंधन, आतंकवाद निरोध, साइबर रक्षा।
रक्षा व्यय: सदस्य अपने GDP का 2% रक्षा पर खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नाटो के इस विस्तार से उत्तरी यूरोप में सुरक्षा बढ़ेगी और रूस के खिलाफ निवारक शक्ति के रूप में काम किया जाएगा।
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