एकीकृत बागवानी विकास मिशन - उत्तर प्रदेश
योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- राज्य/क्षेत्र के तुलनात्मक लाभ और इसके विविध कृषि मौसम विशेषताओं के साथ सामंजस्य रूप में क्षेत्र आधारित स्थानीय विभेदीकृत रणनीति के माध्यम से, जिसमें अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रोन्नति, विस्तार, फसल कटाई के बाद का प्रबंध, प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं, बागवानी क्षेत्र की सर्वांगीण वृद्धि प्रदान करना है।
- बागवानी उत्पादन में वृद्धि करना, पोषण सुरक्षा में सुधार तथा किसानों के लिए आय सृजन में सहायता करना।
- बागवानी विकास के लिए चल रहे अनेक योजनाबद्ध कार्यक्रमों को आपस में सहक्रियाशील रूप में सहयोगी बनाना तथा इन्हें दूसरे की ओर अभिमुख होकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- आधुनिक वैज्ञानिक जानकारी के माध्यम से प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना, विकसित करना और इनका प्रसार।
- कुशल और अकुशल व्यक्तियों, विशेष रूप से बेरोजगार युवा वर्ग के लिए रोजगार सृजन के अवसरों को उपलब्ध कराना।
- किसानों/उत्पादकों की उचित आय को सुनिश्चित करने के लिए संहत क्षेत्रों को विकसित कर एक छोर से दूसरे छोर तक सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना।
- पारम्परिक फसलों के क्षेत्रों को बागों, पुष्पों, सब्जियों और मसालों के उत्पादन क्षेत्रों में परिवर्तित करना।
- पोस्ट हार्वेस्ट हानियों को कम करना एवं उनके भण्डारण व्यवस्था हेतु ढांचागत सुविधाओं को प्रोत्साहन।
कार्य:
- प्रदेश में एकीकृत बागवानी विेकास मिशन, ड्रिप/स्प्रिंकलर सिचाई की स्थापना, औषधीय पौध मिशन, अनुसूचित जाति/जनजाती बाहुल्य क्षेत्रो में बागवानी विकास, राष्ट्रीय कृषि विकास याजना एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास हेतु कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- बुंदेलखण्ड तथा विंध्य क्षेत्र मे लाभार्थी कृषकों को नये बागों को उनके खेतो पर स्थापना को प्रात्साहित करने के लिए लाभार्थी कों विशेष छूट प्रदान किया जा रहा है ।
- विभागीय उत्पादन इकाईयों पर उत्पादित कलमी, बीजू तथा शोभाकार पौधे बिना लाभ-हानि के लागत मूल्य पर जनसाधरण को सुलभ कराये जा रहे है
- मधुमक्खी पालन, पान विकास, मशरुम उत्पादन आदि के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है ।
- प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2017 प्रख्यापित की गई है जिसके द्वारा पूँजीगत अनुदान, ब्याज उत्पादन, गुणवत्ता एवं प्रमाणीकरण बाजार विकास, अनुसंधान एवं विकास तथा निर्यात प्रोत्साहन के साथ-साथ प्रदेश मे उद्योगो की स्थापना हेतु अनेक रियायतें एवं छूट प्रदान की गई है।
- उत्तर प्रदेश आलू विकास नीति-2014 प्रख्यापित कर प्रदेश की मुख्य नकदी फसल आलू के चतुर्दिक एवं सुनियोजित विकास के लिए भी अनेक प्रकार की सुविधाएँ एवं छूट प्रदान की जा रही है ।
- सब्जी के लिए तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कानपुर, कन्नौज और झांसी में बनाए गए है
- फलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बुंदेलखंड को प्रदेश की नई फलपट्टी के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके लिए बांदा में पिंड खजूर एवं अन्य फलों की खेती के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का प्रस्ताव है.
- सरकार ने हर जिले में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का फैसला किया है।
एमआईडीएच के अंतर्गत उप-योजनाएँ:
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये बागवानी मिशन
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड
- नारियल विकास बोर्ड
- केंद्रीय बागवानी संस्थान