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उत्तर प्रदेश द्वारा कृषि विकास के लिए किए गए प्रयास

Updated : 4th Jul 2023
उत्तर प्रदेश द्वारा कृषि विकास के लिए किए गए प्रयास

उत्तर प्रदेश द्वारा कृषि विकास के लिए किए गए प्रयास

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कृषि और किसानों को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं। यहां कुछ उल्लेखनीय योजनाएं हैं:

किसान सम्मान निधि योजना:

  • इस योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी।
  • इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। तीन किश्तों में 6,000 रुपये प्रदान किया जाएगा ।
  • इसका उद्देश्य किसानों को आय सहायता प्रदान करना और उनकी आजीविका में सुधार करना है।

कृषि ऋण मोचन योजना:

  • इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों के ऋण को माफ करना है।
  • यह पात्र किसानों को उनके कृषि ऋणों को चुकाकर राहत प्रदान करता है, इस प्रकार उनके वित्तीय बोझ को कम करता है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना:

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1998 में की गयी थी ।
  • किसानों को इस कार्ड की सहायता से 5 वर्षों में 3 लाख तक का लोन बहुत ही आसानी से मिल जाता है ।
  • किसानों को केसीसी जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें कृषि गतिविधियों के लिए समय पर और वहनीय ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

  • अक्सर किसानों को तैयार फसल आंधी, ओलावृष्टी और तेज बारिश जैसी प्रॉकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती है।
  • इसके लिए सरकार द्वारा 18 फरवरी, 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गयी है।
  • फसल बीमा योजना के तहत रबी, खरीफ की फसल के साथ-साथ कारोबारी और बागबानी फसलों को भी शामिल किया गया है
  • किसान को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम भुगतान करना होता है।
  • राज्य सरकार विभिन्न फसल बीमा योजनाओं को लागू करती है, जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण फसल के नुकसान के खिलाफ बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना:

  • यह योजना सिंचाई के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और जल-कुशल सिंचाई प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • इसका उद्देश्य कृषि में जल उपयोग दक्षता में सुधार करना और फसल उत्पादकता में वृद्धि करना है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना:

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करती है जिसमें मिट्टी के पोषक तत्वों की जानकारी, उपयुक्त उर्वरकों के लिए सिफारिशें और मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दिशानिर्देश शामिल होते हैं
  • यह किसानों को उर्वरक आवेदन के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करता है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है।

उत्तर प्रदेश बागवानी विकास मिशन:

  • यह मिशन बागवानी गतिविधियों में लगे किसानों के लिए तकनीकी मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचा विकास प्रदान करके बागवानी खेती को बढ़ावा देता है।
  • इसका उद्देश्य बागवानी फसलों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देना है।

उत्तर प्रदेश जैविक खेती नीति:

  • राज्य सरकार ने जैविक खेती पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती नीति शुरू की है।
  • यह जैविक खेती के तरीकों को अपनाने, रासायनिक आदानों को कम करने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन, प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करता है।

किसान बही योजना:

  • किसान बही योजना की शुरुआत 1992 में हुईI भू-स्वामित्व का यह प्रमाण खेती योग्य जमीन की खरीद बिक्री के लिए अनिवार्य हैI

उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019

  • निर्यात हेतु संस्थागत तंत्र बनाने तथा पर्यावरण अनकुल कृषि किस्मों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा I
  • उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्रावधानानुसार उत्तर प्रदेश में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मंडी शुल्क/विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है।

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना

  • इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को 60 वर्ष की आयु पूरी करनें के पश्चात न्यूनतम 3000 रुपए पेंशन दी जाती है ।
  • योजना का लाभ प्राप्त करनें के लिए किसानों को 55 रुपए से लेकर 200 रुपये तक प्रतिमाह 60 वर्ष की आयु तक जमा करना होता है ।

स्माम किसान योजना

  • स्माम किसान योजना के माध्यम से किसान खेती करने वाले आधुनिक उपकरणों को आसानी से खरीद सकते हैं ।
  • इस योजना को 2023 मे प्रारंभ किया गया था ।
  • इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा खेती के आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 50 से 80 तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

पीएम कुसुम योजना

  • किसानो को निर्बाध बिजली उपलब्ध करानें के उद्देश्य से सरकार की तरफ से पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) चलाई जा रही है।
  • इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल सब्सिडी पर मिलते हैं, जिससे वह बिजली का उत्पादन कर अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका प्रयोग करनें के बाद बाकी को बेच कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते है ।

किसान काल सेण्टर -

  • किसानों की तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए किसान काल सेण्टर की व्यवस्था की गई ।
  • प्रदेश के किसी भी स्थान से किसान टेलीफोन नम्बर “1551” मिलाकर अपनी समस्या का समाधान के विषय में पूछ सकते हैं

डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस)

  • किसानों की आय को बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारनें के उद्देश्य से डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।
  • इस योजना का लाभ लेकर किसान या पशुपालक नई डेयरी की स्थापना , प्रशिक्षण व अन्य सहायता प्रदान किया जाता है।

पशुधन बीमा योजना

  • इस योजना के अंतर्गत दुधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा उनके अधिकतम वर्तमान बाजार मूल्य पर किया जाता है।
  • बीमा का प्रीमियम 50 प्रतिशत तक अनुदानित होता है। अनुदान की पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है।
  • अनुदान का लाभ अधिकतम 2 पशु प्रति लाभार्थी को अधिकतम तीन वर्ष की एक पॉलिसी के लिए मिलता है।

उत्तर प्रदेश बजट 2023-24 में उत्तर प्रदेश की कृषि एवं किसानों के लिए किए गए प्रावधान

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 22 फरवरी 2023 को वर्ष 2023-24 के लिए (₹690242.43 करोड़) का बजट पेश किया गया है।

जिसमें से कृषि विकास और सिंचाई के लिए 24 हजार करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

यूपी बजट 2023-24 में किसानों और सिंचाई योजनाओं के लिए की गई घोषणाएं निम्नलिखित हैं:

  • दा मिलियन फार्मर्स स्कूल" कार्यक्रम-
    • किसानों को खेती की नई तकनीक का जानकार और प्रशिक्षित करने के लिए दा मिलियन फार्मर्स स्कूल की स्थापना
    • इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2023-24 में 17 हजार किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।
  • नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना
    • जिले के चयनित कलस्टरों मे एकीकृत कृषि प्रणाली अन्तर्गत सभी वर्ग के कृषको के खेतो मे प्रदर्शनो का आयोजन किया जाता हैं।
    • इस योजना के लिए 631.93 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना
    • इस योजना के तहत 49 जिलों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
    • नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं।
    • योजना के लिए 113.52 करोड़ रूपये प्रस्तावित हैं ।
  • किसानों के निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1950 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
    • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को 4 प्रतिशत वार्षिक कृषि विकास प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है। आरकेवीवाई योजना वर्ष 2007 में शुरू की गई थी।
    • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984.54 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।

  • नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना
    • किसानों के फसलों के बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 13 जनवरी 2016 को यह योजना प्रारंभ किया गया ।
    • नेशनल क्रॉप इन्श्योरेन्स योजना के लिए 753.70 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
  • आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना
    • योजना के माध्यम से राज्य के किसानों की आय स्तर में वृद्धि करने के लिए आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना को संचालित किया जा रहा है।
    • आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है। बजट प्रस्तावित है।
  • उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम
    • मिलेट ईयर के लिए चिन्हित ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ की खेती, प्रसंस्करण (Millets Processing) और उपभोग बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने 'उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम' को मंजूरी दे दी है
    • उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरूद्धार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 55 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।

  • पण्डित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 102 करोड़ 81 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

अन्य प्रयास:

इसके अलावा बजट में कृषि शिक्षा और रिसर्च, दुग्ध विकास, पशुपालन और मत्स्य उद्योग के लिए की गई घोषणाएं निम्नलिखित हैं:

  • राज्य के 4 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए 20 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
  • महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुशीनगर के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
  • कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बाँदा और मेरठ में आधारभूत संरचना के विकास के लिए लगभग 35 करोड़ रूपये प्रस्तावित हैं।
  • नन्द बाबा दुग्ध मिशन समेत दुग्ध से सम्बन्धित कई परियोजनाओं के लिए 233.16 करोड़ का बजट प्रस्तावित है ।
  • छुट्टा गोवंश के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
  • गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना, पशु रोग नियंत्रण और भेड़ पालन योजना के लिए 239.96 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिए 257.50 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश बजट 2023-24 के तहत कृषि एवं किसानों से सम्बन्धित कई घोषणाएं की गई हैं, जो कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।