एंटी डंपिंग शुल्क
व्यापार उपचार महानिदेशालय (Directorate General of Trade Remedies -DGTR) ने चीन से आयातित एल्यूमीनियम फॉयल पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
एंटी-डंपिंग ड्यूटी
एंटी-डंपिंग ड्यूटी एक प्रकार का शुल्क है जो विदेशी उत्पादों पर लगाया जाता है जब ये उत्पाद स्थानीय बाजार में उनके वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर बिकते हैं। यह प्रक्रिया "डंपिंग" के रूप में जानी जाती है और इससे स्थानीय उद्योगों को नुकसान हो सकता है क्योंकि इससे उनकी प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है।
भारत में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) इस तरह के शुल्क की जांच करता है और इसे लागू करने की सिफारिश करता है।
भारत में एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने के मुख्य उद्देश्य हैं:
स्वदेशी उद्योग की रक्षा: घरेलू कंपनियों को विदेशी कंपनियों के कम मूल्य पर बेचे गए उत्पादों से बचाना।
अनुचित व्यापार प्रथाओं का मुकाबला: ऐसे विदेशी उत्पादों पर शुल्क लगाना जो लागत से कम मूल्य पर बेचे जाते हैं।
मूल्य स्थिरता बनाए रखना: बाजार में कीमतों की अस्थिरता को नियंत्रित करना।
न्यायपूर्ण व्यापार वातावरण का निर्माण: घरेलू और विदेशी कंपनियों के बीच समान प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को बनाए रखना।
आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना: घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और नौकरियों को संरक्षित करके, एंटी-डंपिंग शुल्क आर्थिक स्थिरता और लचीलेपन में योगदान करते हैं। अनुचित व्यापार प्रथाओं के कारण होने वाले व्यवधानों को रोककर, ये उपाय दीर्घकालिक रूप से सतत विकास और विकास का समर्थन करते हैं।
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