डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में निजी रेडियो ब्रॉडकास्टर्स के लिए डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग नीति तैयार करने पर परामर्श-पत्र जारी किया है।
इसका उद्देश्य निजी क्षेत्र के रेडियो प्रसारकों को डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग की अनुमति देना और FM बैंड से आगे बढ़ते हुए डिजिटल प्रसारण तकनीक को अपनाना है।
डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग में ऑडियो और वीडियो सिग्नल्स को डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित करके प्रसारित किया जाता है। इसमें सिग्नल्स को वायु तरंगों के माध्यम से ट्रांसमिट करने के लिए मॉड्यूलेशन प्रक्रिया का उपयोग होता है, जो एनालॉग प्रसारण के मुकाबले कई लाभ प्रदान करता है।
बेहतर ऑडियो गुणवत्ता: डिजिटल प्रसारण से आवाज़ की स्पष्टता अधिक होती है, जिससे श्रोता को उच्च गुणवत्ता का अनुभव मिलता है।
अधिक चैनल क्षमता: एकल आवृत्ति वाहक पर 3 से 4 चैनल प्रसारित किए जा सकते हैं, जबकि एनालॉग मोड में एक ही आवृत्ति पर सिर्फ 1 चैनल संभव है।
आसान ट्यूनिंग: श्रोता को चैनलों को मैन्युअल रूप से ट्यून या सर्च करने की ज़रूरत नहीं होती। यह प्रक्रिया स्वचालित होती है, जिससे उपयोग में आसानी होती है।
डिजिटल रेडियो ब्रॉडकास्टिंग से प्रसारण उद्योग में तकनीकी उन्नति होगी और श्रोताओं के अनुभव में सुधार आएगा।
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