1. न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव को NGT अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया
पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. गोयल की सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के बारे में:
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना 18 अक्तूबर, 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के तहत की गई थी।
NGT की स्थापना के साथ भारत एक विशेष पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया। इससे पहले केवल ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में ही ऐसे किसी निकाय की स्थापना की गई थी।
NGT की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संबंधी मुद्दों का तेज़ी से निपटारा करना है, जिससे देश की अदालतों में लगे मुकदमों के बोझ को कुछ कम किया जा सके।
NGT का मुख्यालय दिल्ली में है, जबकि अन्य चार क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, पुणे, कोलकाता एवं चेन्नई में स्थित हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के अनुसार, NGT के लिये यह अनिवार्य है कि उसके पास आने वाले पर्यावरण संबंधी मुद्दों का निपटारा 6 महीनों के भीतर हो जाए।
NGT की संरचना:
NGT में अध्यक्ष, न्यायिक सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते है। वे तीन वर्ष की अवधि अथवा पैंसठ वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक पद पर रहेंगे और पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे।
अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
न्यायिक और विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति के लिये केंद्र सरकार द्वारा एक चयन समिति बनाई जाती है।
यह आवश्यक है कि अधिकरण में कम-से-कम 10 और अधिकतम 20 पूर्णकालिक न्यायिक सदस्य एवं विशेषज्ञ सदस्य हों।
अन्य तथ्य-
NGT पर्यावरण से संबंधित 7 कानूनों के तहत नागरिक मामलों की सुनवाई कर सकता है:
जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) उपकर अधिनियम, 1977
वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980
वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986
जैव-विविधता अधिनियम, 2002
2. थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री
थाई प्रॉपर्टी टायकून श्रेथा थाविसिन को संसदीय मतदान में एक स्पष्ट जीत के बाद थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है।
3. खेलो इंडिया महिला लीग के नाम में बदलाव
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने खेलो इंडिया महिला लीग का नाम बदलने की घोषणा की है, जिसे अब "अस्मिता महिला लीग" के नाम से जाना जाएगा।
लीग का नाम बदलने का यह उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और खेल के क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये सरकार के समर्पण को दर्शाता है।
अस्मिता महिला लीग,” एक गहरा अर्थ रखता है। ASMITA का अर्थ है “Achieving Sports Milestone by Inspiring Women Through Action”,
खेलो-इंडिया के बारे में:
खेलो इंडिया, वर्ष 2017-18 में शुरू की गई थी
इसका उद्देश्य ज़मीनी स्तर के एथलीटों को एक मंच प्रदान करने तथा संपूर्ण भारत में खेल के बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने के लिये परिकल्पित एक योजना है,
खेलो इंडिया योजना युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
4. चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन गया है।
इससे पूर्व चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देश रूस, अमेरिका और चीन हैं।
इस सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश भी बन गया है।
14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने 40 दिनों में अपनी यात्रा पूरी की है।
चंद्रयान-3 के बारे में-
चंद्रयान- 3 मिशन को LVM3 (भू-तुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान MK III) रॉकेट से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया है।
चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है
चंद्रयान-2 मिशन केवल आंशिक रूप से ही सफल हुआ था। इसका लैंडर "विक्रम" और रोवर "प्रज्ञान" चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे |
चंद्रयान-3 मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना
रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलाना।
चन्द्रमा की सतह पर ही ( स्व - स्थाने / इन - सीटू) वैज्ञानिक प्रयोग करना ।
चंद्रयान- 3 से प्राप्त डेटा का उपयोग भविष्य में आर्टेमिस मिशन के तहत चंद्रमा पर मानव की लैंडिंग के लिए किया जाएगा।
चंद्रयान मिशन के बारे में-
चंद्रयान भारत का चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम है जिसमें रोबोटिक मिशनों की एक श्रृंखला शामिल है जिसका उद्देश्य चंद्रमा तथा उसके संसाधनों के बारे में पता लगाना है।
एलीट लीग : यह भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला दुनिया का चौथा देश होने की प्रतिष्ठित लीग में रखता है ।
चंद्रयान-1 मिशन-
इसे अक्टूबर 2008 में लॉन्च किया गया था और इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और कई वैज्ञानिक प्रयोग और अवलोकन किए।
यह भारत का पहला चंद्र मिशन और चंद्रमा पर पानी की खोज करने वाला पहला मिशन था।
इसमें एक ऑर्बिटर और एक इम्पैक्टर शामिल है, दोनों इसरो द्वारा निर्मित हैं
इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित किया गया और इसने चंद्रमा के चारों ओर 3,400 से अधिक परिक्रमाएँ कीं।
यह 29 अगस्त 2009 तक कुल 312 दिनों तक चालू रहा।
चंद्रयान-2 मिशन-
इसे जुलाई 2019 में लॉन्च किया गया था , और इसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर (विक्रम), और एक रोवर (प्रज्ञान) शामिल है, सभी इसरो द्वारा निर्मित हैं।
यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने वाला भारत का पहला प्रयास था।
इसे जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके-III द्वारा आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
इसका उद्देश्य विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारना और प्रज्ञान रोवर को तैनात करना था।
इसका लैंडर विक्रम स्पष्ट रूप से अपने ब्रेकिंग रॉकेट के साथ एक समस्या के कारण चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बारे में-
वर्ष 1960 के दशक के दौरान भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की शुरुआत की गई थी।
ISRO भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका मुख्यालय कर्नाटक राज्य के बेंगलुरु शहर में है।
इसका लक्ष्य अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की खोज़ को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है।
श्री एस. सोमनाथ ISRO के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
5. तेजस ने किया मिसाइल ‘अस्त्र’ का सफल परीक्षण
हल्के लड़ाकू विमान एलएसपी-7 तेजस ने 23 अगस्त, 2023 को बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल ‘अस्त्र’ का गोवा के तट पर सफल परीक्षण किया है।
अस्त्र, एक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो अत्यधिक कलाबाजी वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदने और नष्ट करने में सक्षम है।
मिसाइल ‘अस्त्र’ रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) और अन्य प्रयोगशालाओं द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
इस मिसाइल का वजन 154 किलो, लंबाई 12.6 फुट, व्यास 7 इंच, मारक क्षमता 160 किमी. है।
एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP):
इसकी स्थापना वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा दिये गये विचारों के आधार पर किया गया था।
इसका उद्देश्य मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना था।
इसे वर्ष 1983 में शुरू किया गया था यह मार्च 2012 में पूरा हुआ।
रणनीतिक रूप से स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों को विकसित करने लिये यह देश के वैज्ञानिक समुदाय, शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, उद्योगों और तीनों रक्षा सेवाओं को एक साथ लाया।
IGMDP के तहत विकसित मिसाइलें:
पृथ्वी: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल।
अग्नि: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल।
त्रिशूल: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम कम दूरी वाली मिसाइल।
नाग: तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल।
आकाश: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली मिसाइल।
6. जापान द्वारा फुकुशिमा अपशिष्ट जल का प्रशांत महासागर में निस्तारण
फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र की संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) ने संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी जल को प्रशांत महासागर में छोड़ना प्रारंभ कर दिया है।
संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी पानी को समुद्र के पानी के साथ मिलाकर प्रशांत महासागर में छोड़ा जा रहा है।
अन्य तथ्य -
वर्ष 2011 में आए भीषण भूकंप और सुनामी के बाद से साइट पर बड़ी मात्रा में पानी जमा है। इसलिए 22 अगस्त, 2023 को जापान की मंत्रिस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
फुकुशिमा-दाइची सुविधा के तीन रिएक्टर भूकंप और सुनामी के बाद पिघल गए, जिसमें लगभग 18,000 लोग मारे गए।
संयंत्र के पिघलने के बाद से, TEPCO ने 1.34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी एकत्र किया है जो क्षतिग्रस्त रिएक्टरों को ठंडा रखने से, भूजल और बारिश के साथ मिलकर दूषित हो गया है।
7. किरण मणि वायकॉम18 के डिजिटल बिजनेस के नए सीईओ
किरण मणि को हाल ही में वायकॉम 18 के डिजिटल व्यवसाय के CEO के रूप में नियुक्त किया गया है।
मणि वर्तमान में एशिया प्रशांत क्षेत्र में एंड्रॉइड और गूगल प्ले के लिए महाप्रबंधक और एमडी के रूप में कार्यरत हैं।
वायकॉम 18 की रणनीतिक दृष्टि अपनी डिजिटल पेशकशों को बढ़ाना और बढ़ते डिजिटल सामग्री बाजार में प्रवेश करना है।
वायकॉम 18 के बारे में -
यह मुंबई में स्थित एक भारतीय मीडिया कंपनी है।
यह नेटवर्क18 ग्रुप-रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी और पैरामाउंट ग्लोबल के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
इसकी स्थापना वर्ष 2007 में की गई थी।
8. KVIC ने रक्षाबंधन के लिये खादी रक्षासूत की शुरुआत की
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में 'खादी रक्षासूत' की शुरुआत की है ।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के बारे में:
KVIC खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह MSME मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
यह राखी पूरी तरह से प्राकृतिक है और किसी भी रासायनिक योजक से मुक्त है।
'खादी रक्षासूत' को एक 'पायलट प्रोजेक्ट' पहल के रूप में पेश किया जा रहा है जो विशेष रूप से नई दिल्ली के खादी भवन में उपलब्ध है।
9. डॉ. कल्यामपुड़ी राधाकृष्ण राव
विश्व प्रसिद्ध सांख्यिकीविद् डॉ. कल्यामपुड़ी राधाकृष्ण राव का 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
डॉ. कल्यामपुड़ी के बारे में:
सी.आर. राव का जन्म 10 सितंबर, 1920 को कर्नाटक के बेल्लारी ज़िले में एक तेलुगू परिवार में हुआ था।
उन्होंने क्रैमर-राव असमानता और राव-ब्लैकवेलाइज़ेशन जैसी कई मौलिक सांख्यिकीय अवधारणाओं का नेतृत्व किया।
राव को प्रदान किये गए पुरस्कार:
वर्ष 1968 में पद्म भूषण पुरस्कार से नवाज़ा गया।
वर्ष 2001 में पद्म विभूषण पुरस्कार से नवाज़ा गया।
10. सचिन तेंदुलकर होंगे चुनाव आयोग के राष्ट्रीय आइकन
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर चुनावी प्रक्रियाओं में मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी के महत्त्व के बारे में ज़ागरूकता बढ़ाने के लिये चुनाव आयोग (ई.सी.) द्वारा नामित "राष्ट्रीय आइकन" की भूमिका निभाएंगे
चुनाव आयोग के बारे में-
भारतीय संविधान का भाग XV (अनुच्छेद 324-329): यह चुनावों से संबंधित है और इन मामलों हेतु एक आयोग की स्थापना करता है।
अनुच्छेद 324: चुनाव का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण चुनाव आयोग में निहित है।
अनुच्छेद 325: धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष को मतदाता सूची में शामिल न करने और इनके आधार पर मतदान के लिये अयोग्य नहीं ठहराने का प्रावधान।
अनुच्छेद 326 लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव वयस्क मताधिकार पर आधारित होंगे।
अनुच्छेद 327: विधानसभाओं के चुनाव के संबंध में प्रावधान करने की संसद की शक्ति।
अनुच्छेद 328: ऐसे विधानमंडल के चुनावों के संबंध में प्रावधान करने के लिये राज्य के विधानमंडल की शक्ति।
अनुच्छेद 329: चुनावी मामलों में अदालतों के हस्तक्षेप पर रोक।
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