16 सितंबर समसामयिकी
शांतिनिकेतन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल
पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
शांतिनिकेतन यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाला भारत का 41वां धरोहर स्थल है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे और सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान के बाद शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल का तीसरा विश्व धरोहर स्थल बन गया है।
अन्य तथ्य-
शांतिनिकेतन को इस सूची में शामिल करने का निर्णय सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया।
अंतरराष्ट्रीय परामर्श संस्था 'इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स' (ICOMOS) द्वारा शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी।
‘ICOMOS’ विश्व के वास्तुशिल्प एवं धरोहर स्थल के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित फ्रांस में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है।
शांतिनिकेतन के बारे में-
शांतिनिकेतन की शुरुआत रविंद्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में एक आश्रम के तौर पर की थी।
1901 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे प्राचीन भारत के गुरुकुल सिस्टम पर आधारित रेजिडेंशियल स्कूल और आर्ट सेंटर में बदला।
टैगोर ने 1921 में यहां विश्व भारती की स्थापना की, जिसे 1951 में केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया।
यूनेस्को:
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।
यह शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास करती है।
यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस में अवस्थित है। 16 नवंबर, 1945 को यूनेस्को की स्थापना की गई थी।
लेखिका गीता मेहता का निधन
लेखिका गीता मेहता का दिल्ली में निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।
अन्य तथ्य-
गीता मेहता लेखिका के साथ ही वृत्तचित्र फिल्म निर्माता और पत्रकार भी थीं। उनका जन्म वर्ष 1943 में हुआ था।
वर्ष 2019 में, भारत सरकार ने उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित किया, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।
वर्ष 1979 में, गीता ने अपनी पहली पुस्तक 'कर्मा कोला' (Karma Cola) लिखी, जो भारतीय आध्यात्मिकता और इसके बारे में पश्चिमी दुनिया की धारणा पर निबंधों का एक संग्रह है।
'स्नेक एंड लैडर्स' (Snake and Ladders), 'अ रिवर सूत्र' (A River Sutra), 'राज' (Raj) और 'द इटरनल गणेशा' (The Eternal Ganesha) उनकी अन्य प्रमुख पुस्तकें हैं
3.हिमंत बिस्वा का सिंगापुर की प्रतिष्ठित फेलोशिप के लिए चयन
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को सिंगापुर की ली कुआन यू एक्सचेंज फेलोशिप के लिए चुना गया।
सरमा को विकास और अंतरराष्ट्रीय सद्भाव के मुद्दे को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका के लिए पुरस्कार के लिए चुना गया है।
सरमा यह फेलोशिप पाने वाले असम के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं।
अन्य तथ्य:
सरमा से पूर्व यह उपलब्धि पाने वालों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया हैं।
ली कुआन यू एक्सचेंज फेलोशिप के प्राप्तकर्ताओं को कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सिंगापुर की उच्च-स्तरीय यात्राओं के लिए आमंत्रित किया जाता है।
यह फेलोशिप अपने राष्ट्र के विकास और सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया है।
फेलोशिप सिंगापुर के संस्थापक प्रधानमंत्री ली कुआन यू को राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में शुरू की गई थी।
4. स्वच्छता ही सेवा 2023 अभियान
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जयपुर, राजस्थान से राष्ट्रव्यापी स्वच्छता पखवाड़ा - स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2023 अभियान का उद्घाटन किया।
अभियान एक पखवाड़े तक चलता है, जिसमें 'श्रमदान' (स्वैच्छिक कार्य) के माध्यम से नागरिकों को संगठित करने और 'कचरा मुक्त भारत' बनाने की प्रतिबद्धता को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यह अभियान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दों से निपटने की क्षमता पर प्रकाश डालता है।
अभियान का उद्देश्य समुदायों को एकजुट करना, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस गांवों के लिए 'जन आंदोलन' को बढ़ावा देना और "स्वच्छता हर किसी का व्यवसाय है" के विचार को सुदृढ़ करना है।
भारत भर के विभिन्न शहर सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों की भलाई को बढ़ाने के लिए 17 सितंबर, 2023 से सफाईमित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन कर रहे हैं।
5. 'कलैगनार मगलिर उरिमै तौ (महिलाओं के लिए बेसिक इनकम) योजना
तमिलनाडु ने 'कलैगनार मगलिर उरिमै तौ (महिलाओं के लिए बेसिक इनकम) योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को 1,000 रुपये मासिक मानदेय (stipend ) के रूप में दिए जाएंगे।
21 वर्ष से अधिक आयु की ऐसी महिलाएं इस योजना की पात्र होंगी, जिनके पास भूमि और सालाना पारिवारिक आय सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम है।
अन्य तथ्य:
कर्नाटक, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे अन्य राज्यों में भी महिलाओं के लिए इसी तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के अनुसार, महिलाओं के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) का परिवार पर कई गुना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यूनिवर्सल बेसिक इनकम क्या है?
यूनिवर्सल बेसिक इनकम या सार्वभौमिक बुनियादी आय एक सामाजिक-राजनीतिक वित्तीय हस्तांतरण नीति प्रस्ताव है जिसमें किसी देश के सभी नागरिकों को कानूनी रूप से और एकसमान रूप से निर्धारित वित्तीय अनुदान प्राप्त होता है जो सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है।
UBI को राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या स्थानीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खुराक खरीदने का निर्णय लिया
केंद्र सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की खुराक खरीदने का निर्णय लिया है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी एक प्रायोगिक दवा है। वर्ष 2018 में केरल में निपाह वायरस के प्रकोप के दौरान भी संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए इसका आयात किया गया था।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) कृत्रिम एंटीबॉडीज़ हैं। ये हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली की नकल करती हैं।
इनका उत्पादन एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। इस प्रक्रिया में मानव रक्त से विशेष प्रकार के एंटीबॉडी को प्राप्त किया जाता है और फिर उनका क्लोन बनाया जाता है।
ये केवल एक एंटीबॉडी का क्लोन होते हैं और केवल एक एंटीजन से ही आबद्ध होते हैं।
ये एक ही मूल कोशिका से प्राप्त सजातीय हाइब्रिड कोशिकाओं (B कोशिकाओं) द्वारा निर्मित होती हैं।
दूसरी ओर पॉलीक्लोनल एंटीबॉडीज़ (PAbs) मिश्रित एंटीबॉडीज होते हैं जो अलग-अलग B कोशिका वंशक्रम द्वारा स्रावित होते हैं।
इनका उपयोग कैंसर, इबोला, HIV आदि के उपचार में किया जाता है। mAbs वायरल एनवलप के एक हिस्से से प्रभावी ढंग से बंध जाती हैं। यह एनवलप मानव शरीर में प्रवेश पाने के लिए मानव कोशिकाओं से जुड़ जाता है। इस तरह यह वायरस को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर देती हैं।
omAbs से संबंधित चिंताएं इसके उपयोग से शरीर में विविध साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। इसके कुछ उदाहरण हैं- साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम रिएक्शन, एलर्जी / एटोपिक विकार प्रतिरक्षा प्रणाली में विकार उत्पन्न होना आदि ।
निपाह वायरस-
यह एक ज़ूनोटिक वायरस है (जानवरों से इंसानों में संचरित होता है)।
निपाह वायरस इंसेफेलाइटिस के लिये उत्तरदायी जीव पैरामाइक्सोविरिडे श्रेणी तथा हेनिपावायरस जीनस/वंश का एक RNA अथवा राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस है तथा हेंड्रा वायरस से निकटता से संबंधित है।
हेंड्रा वायरस (HeV) संक्रमण एक दुर्लभ उभरता हुआ ज़ूनोसिस है जो संक्रमित घोड़ों और मनुष्यों दोनों में गंभीर तथा अक्सर घातक बीमारी का कारण बनता है।
यह पहली बार वर्ष 1998 और 1999 में मलेशिया तथा सिंगापुर में पाया गया था।
इस बीमारी का नाम मलेशिया के एक गाँव सुंगई निपाह के नाम पर रखा गया है, जहाँ सबसे पहले इसका पता चला था।
यह पहली बार घरेलू सुअरों में देखा गया और कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों, घोड़ों तथा भेड़ों सहित घरेलू जानवरों की कई प्रजातियों में पाया गया।
संक्रमण:
यह रोग पटरोपस जीनस के ‘फ्रूट बैट’ अथवा 'फ्लाइंग फॉक्स' के माध्यम से फैलता है, जो निपाह और हेंड्रा वायरस के प्राकृतिक स्रोत हैं।
यह वायरस चमगादड़ के मूत्र और संभावित रूप से चमगादड़ के मल, लार व जन्म के समय तरल पदार्थों में मौजूद होता है।
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